खोर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

खोर ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ खुर]

१. बस्तियों की तंग गली । सँकरी गली । कूचा ।

२. नाँद, जिसमे चौपायों को चारा दिया जाता है ।

खोर ^२ संज्ञा पुं॰ [देश॰] बबूल की जाति का एक ऊँचा सुंदर पेड़ । विशेष—यह गिंध के रेगिस्तानों में होता है । इसकी लकड़ ी पीलापन लिए सफेद, भारी और सख्त होती है और साफ करने पर खूब चिकनी हो जाती है । यह खेती के औजार बनाने के काम आती है । इसे खन, साहीकाँटा और बनरीठा भी कहते हैं ।

खोर ^३पु संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ क्षालन, हिं॰ खोरना] नहाने की क्रिया । नहाना । स्नान ।