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गँस

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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गँस ^१पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ ग्रंथि]

१. गाँठ । द्वष । वैर । उ॰ मानी राम अधिक जननी ते जननिहुँ गँस न गही । सीय लखत रिपुदमन राम रुख लखि सब की निबही ।—तुलसी (शब्द॰) ।

२. लाग की बात । मन में चुभनेवाली बात । आक्षेप । ताना । चु़टकी ।

गँस ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ कषा = चाबुक] तीर की नोक । गाँसी । दे॰ 'गाँस' ।