गंगाधर
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]गंगाधर संज्ञा पुं॰ [सं॰ गङ्गाधर]
१. शिव । महादेव ।
२. समुद्र ।
३. एक औषध का नाम । विशेष—यह नागरमोथा, मोचरस, आदि को योग से बनती है और संग्रहणी रोग में दी जाती है । इसे 'गंगाधर रस' भी कहते हैं ।
४. चौबीस अक्षरों का एक वर्णवृत्त । विशेष—इसके प्रत्येक चरण में आठ रगण होते हैं । इसे गगोदक भी कहते हैं । दे॰ 'गंगोदक' ।