गंगाधर

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

गंगाधर संज्ञा पुं॰ [सं॰ गङ्गाधर]

१. शिव । महादेव ।

२. समुद्र ।

३. एक औषध का नाम । विशेष—यह नागरमोथा, मोचरस, आदि को योग से बनती है और संग्रहणी रोग में दी जाती है । इसे 'गंगाधर रस' भी कहते हैं ।

४. चौबीस अक्षरों का एक वर्णवृत्त । विशेष—इसके प्रत्येक चरण में आठ रगण होते हैं । इसे गगोदक भी कहते हैं । दे॰ 'गंगोदक' ।