गंगोदक
दिखावट
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]गंगोदक संज्ञा पुं॰ [ सं॰ गङ्गोदक]
१. गंगाजल ।
२. चौबीस अक्षरों का एक वर्णवृत्त जिसमें आठ रगण होते हैं । विशेष—इसे गंगाधर, खंजन आदि भी कहते हैं । यह यथार्थ में स्रग्विणी छंद का दूना है । जैसे,—जन्म बीता सबै, चेच मीता अबै, कीजिए का तबै, काल के आन कै । मुँड़माला गरै, सीस गंगा धरै, आठ यामै हरे, ध्याइ लै गान कै ।