गंड़ीर
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]गंड़ीर संज्ञा पुं॰ [सं॰ गण्ड़ीर]
१. एक साग जिसे गिड़नी भी कहते है । वैद्यक में यह कफनाशक माना जाता है ।
२. पोई का साग ।
३. सेहुड़
४. धनुष । उ॰—कुंजर चींटी कै पगि बाँधा । गहि गंडीर उलटी सरु सांधा ।—प्राण॰, पृ॰ १३६ ।
५. गन्ना या ऊख की छोटी टुकड़ी । गँड़ेरी । उ॰—कोलू बिच गंड़ीर ज्यों एहु जन एवैं होय ।—प्राण॰, पृ॰, २४८ ।
५. योद्धा । बीर [को॰] ।