गटकना
दिखावट
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]गटकना क्रि॰ सं॰ [सं॰ कण्ठ, या सं॰ दर (= निगलना) > गट + क या हिं॰ गटई, अथवा गट से अनु॰]
१. खाना । निगलना । उ॰(क) मीठा सब कोई खात है विष होइ लागै धाय । नीब न कोई गटकई, सबै रोग मिटि जाय ।—कबीर (शब्द॰) । (ख) लटकि निरखन लग्यो मटक सब भूलि गयो हटक ह्वै वै गयो गटकि शिल सो रह्यो मीचु जागी । मुष्टि को गर्दं मरदि के चाणूर चुरकुट करयो कंस को/?/नुकंप भयो भई रंग भूमि अनुराग रोगी ।—सूर (शब्द॰) ।
२. हड़पना । दबा लेना । जैसे,—दूसरों का माल गटकना सहज नहीं है ।