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गत

विक्षनरी से

प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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गत ^१ वि॰ [सं॰]

१. गया हुआ । बीता हुआ । जैसे—गत मास, गत दिन, गत वर्ष । विशेष—समस्त पद के आदि में यह शब्द 'गया हुआ', 'रहित' 'शून्य' का अर्थ देता है और अंत में प्राप्त, 'आया हुआ', 'पहुँचा हुआ' का अर्थ देता है । जैसे,—गतप्राण, गतायु, तथा कंठगत, कुक्षिगत । उ॰—अंजालिगत सुभ सुमन जिभि सम सुंगंध कर दोउ ।—तुलसी (शब्द॰) ।

२. मरा हुआ । मृत । मुहा॰—गत होना = मरना । मर जाना ।

३. रहित । हीन । खाली । उ॰—सरिता सर निर्मल जल सोहा । संत हृदय जस गत मद मोहा ।—तुलसी (शब्द॰) ।

गत ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ गति]

१. अवस्था । दशा । हालत । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना । मुहा॰—गत का = काम का । अच्छा । भला । जैसे—गत का कपड़ा भी लो उनको पास नहीं । गत बनाना = (१) दुर्दशा करना । दुर्गति करना । (२) अपमान । डाँटना डपटना । मारना पीटना । दंड देना । खबर लेना । जैसे,—घर पर जाओ, दोथो तुम्हारी कैसी गत बनाई जाती है । (३) हँसी ठट्ठे में लज्जित करना । उपहास करना । झिपाना । उल्लू बनाना । जैसे—वे अपने को बड़ा बोलनेवाला लगाते थे, कल उनकी भी खूब बनाई गई ।

२. रूप । रंग । वेश । आकृति । मुहा॰—गत बनाना = (१) रूप रंग बनाना । वेश धारण करना । जैसे,—तुमने अपनी क्या गत बना रक्खी है । (२) अदभुत रूप रंग बनाना । आकृति विगाड़ना । जैसे,—होली में उनकी खूब गत बनाई जायगी ।

३. काम में लाना । सुगति । उपयोग । जैसे—ये आम रखे हुए हैं; इनकी गत कर डालो । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना ।

४. दुर्गति । दुर्दशा । नाश । जैसे—तुमने तो इस किताब की गत कर डाली । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना ।

५. मृतक का क्रिया कर्म ।

६. संगीत में बाजों के कुछ बोलों का क्रमबद्ध मिलाना । जैसे—सितार पर भैरवी की गत बजा रहे थे । क्रि॰ प्र॰—निकालना ।—बजाना ।

७. नृत्य में शरीर का विशेष संचालन और मुद्रा । नाचने का ठाठ । जैसे,—मोर की गत, थाली की गत, झुरमुट की गत । क्रि॰ प्र॰—भरना । यौ॰—गतकल्मष = पापरहित । कालुष्यविहीन । गतकाल = व्यतीत समय । बीता समय । गतकलम = थकान रहित । गतचेतना = चेतनारहित । बेहोश । गतत्रप = लज्जारहित । निर्लज्ज । गतपंचमी पु = सूर्यमंडल भेदकर मुक्ति प्राप्त करने की अवस्था । पाँचवीं गति । मोक्ष । उ॰—जूझ मुवा रण मैं जिके, गत पंचमी गयाह ।—बाँकी ग्रं॰, भा॰१, पृ॰ ३ ।