गद
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]गद ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. रोग ।
२. विष ।
३. श्रीकृष्णचंद्र का छोटा भाई । यह भगवान् का भक्त था । उ॰—सात्यकि दानपती कृतवर्मा । गद उल्मुक निसठहु धृत वर्मा ।—रघुराज (शब्द॰) । यौ॰—गदाग्रज = कृष्ण । गदबंधु = कृष्ण । उ॰—चल्यो द्रुपद नृप विसद घोर मदमत्त बीर बर । सँग पदचर हय दुरद हिये गदबंधु बैर धर ।—गोपाल (शब्द॰) ।
४. रामचंद्र जी की सेना का सेनापति एक वानर । उ॰—संग नील नल कुमुद गद जामवंत जुवराजु । चले राम पद नाइ सिर सगुन सुमंगल साजु ।—तुलसी (शब्द॰) ।
५. एक असुर का नाम ।
६. गर्जन । गड़गड़ाहट । मेघध्वनि [को॰] ।
गद ^२ संज्ञा पुं॰ [अनु॰]
१. वह शब्द जो किसी गुलगुली वस्तु पर गुलगुली वस्तु का आघात लगने से होता है । जैसे,—पीठ पर गेंद गद से गिरा । यौ॰—गदागद = एक के ऊपर एक । लगातर (आघात) ।
२. स्थूलता । मोटापन ।