गनी
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
गनी ^१ वि॰ [अ॰ ग़नी]
१. धनी । धनवान । उ॰—(क) गनी, गरीब ग्राम नर नागर ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) सुमन बरसि रघुबर गुन बरतन हरषि देव दुंदुभी हनी । रंकनिवाज रंक राजा किए गए गरब गरि गरि गनी ।—तुलसी ग्रं॰, पृ॰ ३८९ ।
२. निस्पृह । अनिच्छुक [को॰] ।
गनी संज्ञा पुं॰ [अं॰] पाट या सन की रस्सियों का बुना हुआ मोटा खुरदरा कपडा़ जो बोरा या थैला बनाने के काम में आता है । जैसे—गनी मार्केट । गनी ब्रोकर ।