गमक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

गमक ^१ वि॰ [सं॰] [वि॰ स्त्री॰ गमिका]

१. जानेवाला ।

२. बोधक । सूचक । बतलानेवाला ।

गमक ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. संगीत में एक श्रुति या स्वर पर से दूसरी श्रुति या स्वर पर जाने का एक प्रकार । विशेष—इसके सात भेद हैं—कंपित, स्फुरित, लीन, भिन्न, स्थविर, आहत और आंदोलित । पर साधारणतः लोग गाने में स्वर के कँपाने को ही गमक कहते हैं ।

२. तबले की गंभीर आवाज ।

गमक ^३ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ गमक = जाने या फैलनेवाला] महक । सुगंध । जैसे,—इस, फूल की गमक चारो ओर फैल रही है ।