गरदान
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]गरदान ^१ वि॰ [फा॰] घूम फिरकर एक ही स्थान पर आनेवाला ।
गरदान ^२ संज्ञा पुं॰ वह कबूतर जो घूम फिरकर सदा अपने स्थान पर आता हो ।
गरदान ^३ संज्ञा स्त्री॰
१. व्याकरण में कारकों या लकारों की आद्यंत पुनरावृत्ति ।
२. शब्दों की रूपसाधना ।
३. कुरान की आवृत्ति या उद्धरणी ।