गलगंड

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

गलगंड़ संज्ञा पुं॰ [सं॰ गलगण्ड] गले का एक रोग । घेघा । विशेष—इसमें गले में सूजन हो आती है और क्रमाशः बढ़ते बढ़ते सामने एक गाँठ सी निकल पड़ती हैं । यह गाँठ भिन्न भिन्न आकार की होती है; और कभी कभी इतनी बढ़ जाती है कि थैले की तरह गले में लटकने लगती है । वैद्यक के अनुसार यह रोग तीन प्रकार का माना गया है—वातज, कफज और मेदज । ड़ाक्टरों का कथन है कि पहाड़ी तराइयों में लोगों को, विशेषकर स्त्रियों को गलगंड़ रोग हो जाता है । उनके मत से इसमें गले के एक दोनों की झिल्ली फूल आती है ।

शब्दसागर[सम्पादन]

गलगंड ^२ † संज्ञा पुं॰ [देश॰] हरगीला नाम की चिड़िया ।