गलगल
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
गलगल संज्ञा स्त्री॰ [देश॰]
१. मैना की जाति की एक चिड़िया । सिरगोटी । गलगलिया । विशेष—यह कुछ सुर्खी लिए काले रंग की होती है । इसके गले पर दोनों ओर पीली या लाल धरियाँ होती हैं और इसकी दुम के नीचे का भाग सफेद होता है ।
२. एक प्रकार का बहुत बड़ा नीबू । विशेष—यह चकोतरे के बराबर होता है और पकने पर गहरे बसंती रंग का हो जाता है । यह बहुत अधिक खुट्टा होता है । और अचार डालने तथा औषधियों के काम में अता है ।
३. चर्बी की बत्ती का एक टबकड़ा । विशेष—यह जहाज में समुद्र की गहराई नापनेवाले यंत्र में सीसे की एक नली से लगा रहता है । यह नली बार बार समुद्र मे ं फेंकी और निकाली जीती है और इसमें बालू आदि समुद्र की तह की चीजें लगकर बाहर निकलती हैं ।—(लश्करी) ।
४. अलसी और चूने के तेल को मिलाकर बनाया हुआ एक प्रकार का मसाला । विशेष—यह लकड़ी आदि को चीजों जोड़ने या छोटा छेद अथवा दरार आदि बंद करने के काम में आता है । इसे पोटीन भी कहते हैं ।