गहना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]गहना ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ गहन = आभूषण या ग्रहण = धारण करना]
१. आभूषण । जेवर ।
२. रेहन । बंधक ।
३. छोटी लोटिया के आकार का मिट्टी का कुम्हारों का एक औजार, जिसका व्यवहार घडे़ आदि के बनाने में होता हैं ।
४. गहन नामक एक औजार जिसका व्यवहार जोते हुए खेत में से घास निकालने के लिये होता हैं । पाँची ।
गहना ^२ क्रि॰ स॰ [सं॰ ग्रहण, प्रा॰ गहण] पकड़ना । धरना । थामना । उ॰—(क) गहत चरन कह बालिकुमारा । मम पद लहे न तोर उबारा ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) तब एक सखी प्रीतम कहती प्रेम एसो प्रगट कीन्हों धीर काहे न गहति ।—सूर (शब्द॰) ।
गहना ^३ क्रि॰ स॰ [सं॰ गाहन] दे॰ 'गाहना' ।