गहर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

गहर ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ घड़ी, धर्री या सं॰ ग्रह अथवा फा॰ गाह = समय ? ] देर । विलंब । उ॰—गहर जनि लावहु गोकुल जाइ । तुमहिं बिना व्याकुल हम होइ हैं यदुपति करी चतु- राइ ।—सूर (शब्द॰) ।

गहर ^३ वि॰ [सं॰ गम्भीर]

१. गहरा । उ॰—लज्जित ह्वै धँसि गईं जल गहरैं । उठत जु तामैं दुति की लहरै ।—नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ २९८ ।

२. ऊँची और भारी । जोर के साथ । मंद्र (आवाज वा ध्वनि) । उ॰—गज्जि गहर नीसांन अग्गि अगबान विछुट्टिय । दरिया दधि किय मथन भोम फट्ठिय खह तुट्ठिय ।—पृ॰ रा॰, १ । ६३९ ।