गाँड़
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]गाँड़ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ गर्त, प्रा॰ गड्ड]
१. पाखाने का मुकाम । शरीर का वह इंद्रिय जिससे मेल बाहर निकलता है । गुदा । पर्या॰—गुद । अपान । पायु । गुह्य । मुहा॰—गाँड़ की खबर न होना = सुध या चेत न होना । सावधानी न होना । गफलत होना । किसी बात की जानकारी न होना । गाँड़ की खबर न रखना = बेसुध रहना । अचेत रहना । होश में न रहना । असावधान रहना । गाफिल रहना । किसी बात से अनजान रहना । गाँड़ की खबर न रहना = होश हवास न रहना । जानकारी न रहना । गाँड़ की राह या रास्ते निकलना = (१) किसी वस्तु का न पचकर ज्यों का त्यों पाखाने से निकल जाना । (२) निकल जाना । जाता रहना । खो जाना । गाँड़ के नीचे तले गंगा बहना = अधिक ऐश्चर्य होना । अत्यंत धन होना । गाँड़ खोल देना = (१) दबकर बात मान लेना । डर से किसी की बात मान लेना । अधीन हो जाना । (२) चापलूसी करना । ठकुरसुहाती करना । गाँड़ खोले फिरना = (१) नंगा फिरना । (२) बच्चों की तरह अनजान बना रहना । बचपन की अवस्था में रहना । जैसे—कल वह मेरे सामने गाँड़ खोले फिरता था; आज बड़ा पंडित बना है । गाँड गंजीफा खेलना = (१) चित्त संकट में पड़ना । डर और घबराहट होना । (२) तंग होना । हैरान होना । गाँड़ गरदन की सुध या खबर न रखना = बेहोश रहना । अचेत रहना । असावधान रहना । गाफिल रहना । गाँड़ गरदन एक हो जाना = (१) थककर लथपथ हो जाना । थककर होश हवास खो देना । (२) बेहोश हो जाना । बेसुध हो जाना । आपा खोना । (३) संडमुसंड हो जाना । बहुत मोटा हो जाना । गाँड़ गले में आना = (१) संकट में पड़न ा आफत में फँसना । (२) तंग आना । ऊब जाना । आजिज आना । हैरान होना । गाँड़ घिसना या रगड़ना = (१) बड़ा उद्योग करना । बहुत प्रयत्न करना । बड़ी दौड़ धूप करना । कड़ी मेहनत करना । कठिन परिश्रम करना । जैसे,—१० रुपया महीने पर कौन गाँड़ घिसने जायगा । (२) चापलूसी करना । ठकुरसुहाती कहना । खुशामद करना । गाँड़ घिसवाना = (१) बड़ी खुशामद कराना । बड़ी चापलूसी कराना । (२) नाकों चने चबवाना । बहुत तंग करना । गाँड़ चलना = दस्त आना । पेट चलना । गाँड़ चाटना = चापलूसी करना । खुशामद करना (बाजारू) । गाँड़ चिरना= दे॰ 'गाँड़ फटना' । गाँड़ जलना = (१) बुरा लगना । न सुहाना । (२) डाह उत्पन्न होना । ईर्ष्या होना । गाँड़ धोना = आबदस्त लेना । किसी की गाँड़ धोना = चापलूसी करना । खुशामद करना । गाँड़ धोने न आना = कुछ ढंग न आना । कुछ भी शऊर न होना । गाँड़ फटना = (१) डर लगना । भय होना । (२) डर के मारे घबराहट होना । गाँड़ फटकर हौदा या हौज होना = भयभीत होना । आतंकसे घबरा जाना । सहस जाना । गाँड़फाड़ या गाँडमार = (१) भयानक । डरावना । (२) कठिन । विकट । दुष्कर । गाँड़ फाड़ना = (१) डराना । धमकाना । भय दिलाना । (२) दिक करना । सताना । नाक में दम करना । (३) कठिन काम लेना । अत्यंत अधिक श्रम कराना । गाँड़ में गू होना = पास पैसा होना । पास में धन होना । (किसी की) गाँड़ में घुसा रहना = चापलूसी करना । साथ साथ लगा फिरना । खुशामद करना । गाँड़ में घुस जाना = दूर हो जाना । निकल जाना । जैसे, चार लात देंगे सब बदमाशी गाँड़ में घुस जायगी । गाँड़ में चटखनी, चिउँटी या पतिंगी लगाना = (१) बुरा लगना । न सुहाना । नागवार गुजरना । (२) डाह होना । जलन होना । गाँड़ में थूकना या थूक लगाना = (१) नीचा दिखाना । कलकित करना । धब्बा लगाना । अपमानित करना । इज्जत उतारना । (२) झिपाना । लज्जित करना । गाँड़ मराना = (१) गुदामैथुन कराना । प्रकृतिविरुद्ध मैथुन कराना । (२) हानि सहना । नुकसान उठाना । (३) चापलूसी करना । खुशामद करना । दुर्व्यवहार और दुर्वचन सहना । गाँड़ मारना = (१) लौड़ेबाजी करना । (२) तंग करना । दुःख देना । सताना । (३) बहुत अधिक काम लेना । कठिन परिश्रम लेना । गाँड़ में उँगली करना = (१) छेड़ना । छकाना । (२) तंग करना । दिक करना । हैरान करना । सताना । गाँड़ में मिरचे लगना = बुरा लगना । न सुहाना । खलना । गाँड़ में लँगोटी न होना = कपड़े बिना नंगे फिरना । अत्यंत दरिद्र होना ।
२. किसी वस्तु के नीचे का वह भाग जिसके बल पर वह खड़ी रह सके या रखी जा सके । पेंदी । तला । तली ।