गादुर संज्ञा पुं॰ [सं॰ कातर, प्रा॰ कादर = डरपोक] चमगादर । उ॰—पानी रहे मच्छ औ दादुर, टाँगे रहे बने मँह गादुर ।— सं॰ दरिया, पृ॰ ६ ।