गाने

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

गाने का समय रात को २१ या २६ दंड से लेकर २९ दंड तक है । ऐसा प्रसिद्ध है कि यह राग यदि शुद्ध गाया जाय तो हिंडोला आपसे आप चलने लगता है । हनुमत् के मत से इसका स्वरग्राम इस प्रकार है—सा ग म प नि सा नि प म ग सा । विलावली, भूपाली, मालश्री, पटमंजरी और ललिता इसकी स्त्रियाँ तथा पंचम, वसंत, विहाग, सिंधुड़ा और सोरठ इसके पुत्र माने गए हैं । इसकी पुत्रवधुएँ, सिंधुरई, गाँधारी, मालिनी और त्रिवेणी कही गई हैं ।