गायिनी
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]गायिनी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. गानेवाली स्त्री ।
२. एक मात्रिक छंद । विशेष—इसके पादों में क्रमशः १२ + १८ और १२ + २० मात्राएँ होती हैं और प्रत्येक चरण के अंत में गुरु तथा बीस बीस मात्राओं के पीछे एक जगण होता है । बीस मात्राओं के पीछे यदि चार लघु आ जायँ, तो भी दोष नहीं माना जाता । जैसे,—आदौ बारा मत्ता दूजे द्वै नौ सजाय मोद लहो । तीजै भानू कीजै चौथे बीसे जु गायिनी सुकति कहो ।