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गार

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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गार ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ गाली] गाली । उ॰—बिन औसर न सुहाय तन चंदन लीपै गार । औसर की नीकी लगै मीत सौ सौ गार ।—रसनिधि (शब्द॰) ।

गार ^२ संज्ञा पुं॰ [अ॰ ग़ार]

१. गहरा गड्ढा । गर्त । खड्ड ।

२. गुफा । कंदर ।

गार ^३पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ आगार] दे॰ 'आगार' । उ॰—दार गार सुत पति इनकार (कहो) कवन आहि सुख ।—नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ ४२ ।

गार ^४पु संज्ञा पुं॰ [हिं॰ गारा] दे॰ 'गारा' । उ॰—कंठी माला काठ की तिलक गार का होय ।—कबीर॰ बानी, पृ॰ ३५ ।

गार ^५ प्रत्य॰ [फ़ा॰] करनेवाला । जैसे,—खिदमतगार ।