गारो
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]गारो ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ गर्व]
१. गर्व । घमंड । अहंकार । अभिमान । उ॰—देखत बल दूरि करयो मेघनाद गारो । आपुनि भयो सकुचि सूर बंधन ते न्यारो ।—सूर (शब्द॰) । (ख) सुनि खग कहत अंब औंगी रहि समुजि प्रेम पथ न्यारो । गएते प्रभु पहँचाई फिरे पुनि करत करम गुन गारो ।—तुलसी (शब्द॰)
२. मान । प्रतिष्ठा । उ॰—जो मेरे लाल खिझावै । सो अपनो कियो फल पावै । तोहि दैहौं देस निकारो । ताको ब्रज नाहिन गारो ।—सूर (शब्द॰) ।
३. गृह । निवास । घर ।
गारो ^२ संज्ञा पुं॰ [देश॰]
१. एक पहाड़ी का नाम जो आसाम के दक्षिण पश्चिम में है ।
२. एक जंगली जाति जो गारो पहाड़ी में रहती है ।