गाह
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]गाह ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. गहन । दुर्गम ।
२. वह जो अवगाहन करे । अवगाहन करनेवाला मनुष्य ।
गाह ^२ वि॰ गाहन या अवगाहन करनेवाला [को॰] ।
गाह ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ ग्राह]
१. ग्राहक । गाहक । उ॰—खल अग अगुन साधु गुन गाहा ।—उभय अपार उदधि अवगाहा ।—तुलसी (शब्द॰) ।
२. पकड़ । घात । गौं । उ॰—पाय सों पाप को नेउर टारि रची लखि वे कियो गाहैं ।—बेनी (शब्द॰) ।
३. ग्राह । मगर ।
गाह ^४ संज्ञा स्त्री॰ [फ़ा॰]
१. स्थान । जगह ।
२. समय । काल । यौ॰—गाहबगाह, गाहे गाहे या गाहैमाहे = कभी कभी । समय समय पर । जब तब । कभी कभी । उ॰—चना खाते मियाँ जुलाहे । डाढ़ी हिलती गाहबगाहै ।—भारतेदु ग्रं॰, भा॰ १, पृ॰ ६६१ ।
३. अवसर । बारी ।