गाहक
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]गाहक ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] अवगाहन करनेवाला ।
गाहक ^२ संज्ञा पुं॰ [ग्राहक; प्रा॰ गाहक]
१. लेनेवाला । खरीदने— वाला । खरीददार । मोल लेनेवाला जैसे-(क) धन्य नर नारि जे निहारि बिनु गाहक हूँ आपने मन मोल बिनु बीके हैं ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) कर लै सुँधि सराहि क ै सबै रहे मौन । गंधी अंध ! गुलाब को गवईँ गाहक कौन?—बिहारी (शब्द॰) । मुहा॰—जी या प्राण का गाहक = प्राण लेनेवाला । मार डालने की ताक में रहनेवाला ।
२. कदर करनेवाला । चाहनेवाला । ढूँढ़नेवाला । इच्छुक । अभिलाषी । प्रेमी । उ॰—(क) हम तो प्रेम प्रीति के गाहक भाजी साग चखाइए ।—सूर (शब्द॰) । (ख) हो मन राम नाम को गाहक । चौरासी लख जिया जेनि में भटकत फिरत अनाहक ।—तुलसी (शब्द॰) । (ग) गुन ना हेरानो गुन गाहक हेरानो है ।—(शब्द॰) ।