गिजाई

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

गिजाई ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰गृञ्जन = विषाक्त मांस] एक प्रकार का कीड़ा जो बरसात में पैदा होता है । ग्वालिन । घिनौरी । उ॰—चित्रकेतु गज वैं जनमा । रानी सकल गिंजाई बन मा । पग तर पीसि गई मरि जोई । विष दै बदला लीन्हेनि सोई—विश्राम (शब्द॰) । विशेष—यह लगभग दो अंगुल से चार अंगुल तर लंबा होता है । कनखजूरे की भाँति इसके भी बहुत से पैर होते हैं । एक ही स्थान पर इसके ढेर के ढेर पड़े मिलते हैं । कभी कभी कोई कीड़ा एक दूसरे की पीठ पर सवार भी देखा जाता है, इससे इसे घोड़सवार भी कहते हैं । यदि कोई पशु धोखे से इसे खा जाय, तो वह तुरंत मर जाता है । ये कीड़े वर्षा के आरंभ में पैदा होतो हैं, और ऐसा कहा जाता है कि हाथिया नक्षत्र के बरसने पर मर जातै हैं ।

गिजाई ^१ वि॰ [अ॰ गिजा + फा॰ ई (प्रत्य॰)]

१. आहार संबंधी ।

२. जो आहार के रूप में हो [को॰] ।

गिजाई † ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ गिंजाई] दे॰ 'गिजई' ।