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गिरा

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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गिरा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. वह शक्ति जिसकी सहायता से मनुष्य बातें करता है । बोलने की ताकत ।

२. जिह्वा । जीभ । जबान । उ॰—पीर थके अरु मीर थके पुनि धीर थके बहु बोलि गिरा तै ।—सुंदर ग्रं॰, भा॰, २, पृ॰ ६६० ।

३. बोल । वचन । वाणी । कलाम ।

४. सरस्वती देवी । यौ॰—गिरापति । गिरापितु ।

५. सरस्वती नदी ।

६. भाषा । बोली ।

७. कविता । शायरी ।