गिरित्र

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

गिरित्र संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. महादेव । शिव ।

२. समुद्र । बिशेष— जब इंद्र ने पर्वतों के पर काटे थे, तब मैनाक पर्वत समुद्र में जा छिपा था । इसी से समुद्र का यह नाम पड़ा ।