गिलना
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
गिलना क्रि॰ सं॰ [सं॰ गिरण अथवा गिलना]
१. किसी चीज को बिना दाँतो से तोड़े गले में उतार जाना । निगलना । उ॰— (क) बेणु के राज्य में औषधी गिलि गई होइहैं सकल किरपा तुम्हारी ।—सूर (शब्द॰) । (ख) तिमिर तरुन तरनिहि मकु गिलई । गगन मगन मकु मेघहिं मिलई ।—तुलसी (शब्द॰) । (ग) कोरक सहित अगस्तिया लख्यौ राहु अवतार । कला कलाधर की गिली जनु उगिलत यहि बार ।— गुमान (शब्द॰) ।
२. मन ही में रखना । प्रकट न होने देना । उ॰— कोधौं हमहिं देख उठि जैहैं की उठि हसको मिलिहैं । कीधौं बात उधारी कहैगी की मन ही मन गिलिहै ।—सूर (शब्द॰) ।