गींजना
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
गींजना क्रि॰ सं॰ [हिं॰ मींजना]
१. कीसी कोमल पदार्थ, विशेषतः कपड़े, फूल आदि को इस तरह दबाना या मलना जिसमें वह खराब हो जाय । उ॰—गींजी फूल माल सी लसत सेज परी हाथ ऐसी सुकुमारी ऐसे मींजि मारियतु है । —रधुनाथ (श्बद॰ ) ।
२. खाने के पदार्थ को भददे ढंग से एक दूसरे में मिलाना । सानना ।