गीला ^१ वि॰ [हिं॰ गलना] [वि॰ स्त्री॰ गीला] भीगा हुआ । तर । नम । उ॰—पग द्वै चलत ठठकि रहै ठाढ़ी मौन धरे हरि के रस गीली ।—सूर (शब्द॰) ।
गीला ^२ संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक प्रकार की जंगली लता ।