गुजरना
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]गुजरना ^१ क्रि॰ अ॰ [फ़ा॰ गुजर + हिं॰ ना (प्रत्य॰)]
१. समय व्यतीत करना । होना । कटना । बीतना । जैसे,—रात तो जैसे तैसे गुजरी पर दिन कैसे कटेगा । मुहा॰—किसी पर गुजरना = किसी पर (संकट या विपत्ति) पड़ना । जैसे,—हमपर जो गुजरी, हमीं जानते हैं ।
२. किसी से होकर आना या जाना । जैसे,—बड़े लाट साहेब शिमला से कलकत्ता जाते समय बनारस से गुजरेंगे । मुहा॰—गुजर जाना = मर जाना । जैसे,—कई दिन हुई वे गुजर गए ।
३. नदी पार करना ।
४. निर्वाह होना । पटना । निपटना । बनना । निभना । जैसे,—तुम चिंता न करो, उन दोनों की खूब गुजरेगी ।
५. (दर्खास्त आदि का) पेश होना ।
६. मन में आना । विचार में आना ।
गुजरना क्रि॰ स॰ [फ़ा॰ गुज़ार + हिं॰ ना (प्रत्य॰)]
१. बिताना । काटना ।
२. उपस्थित या पेश करना (को॰) ।
३. (कष्ट में) डालना । मुहा॰—नमाज गुजारना = ईश्वर की प्रार्थना करना । अरजी गुजारना = किसी बड़े हाकिम के हरबार में प्रार्थनापत्र पेश करना ।