गुजरी
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]गुजरी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ गूजर]
१. कलाई में पहनने की एक प्रकार की पहँची । विशेष—इसके गोल दानों की कोर पर छोटी बिंदियाँ रहतीहैं । मारवाड़िनें इसे बहुत पहनती है ।
२. दीपक राग की एक रागिनी । विशेष—कोई कोई इसे मेघ राग की रागिनी मानते हैं ।
३. वह भेड़ जिसके कान न हों या कटे हुए हों । बूची ।
गुजरी ^२पु संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ गूजरी] दे॰ 'गूजरी' । उ॰—'गुजरी' एक वृंदाबन माँही । तिन पुनि कथा सुनी एकठाहीं ।—घट॰, पृ॰ २२६ ।
गुजरी † ^३ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ गुजरना] शाम को सड़क या मार्ग के किनारे लगनेवाला बाजार ।