गुरु
१. सत्य मार्ग दिखाने वाला।
२. शिक्षक ।
३. पूज्य पुरुष।[१]
४. अज्ञान रूपी अंधकार को मिटाने वाला ।
५. भगवान के समान ।
६. व्यक्तिगत आध्यात्मिक शिक्षक।
७. निर्देशक ।
८. जिन्होंने आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि प्राप्त कर ली हो।
९. गुरु' शब्द में 'गु' का अर्थ है 'अंधकार' और 'रु' का अर्थ है 'प्रकाश' अर्थात् गुरु का शाब्दिक अर्थ हुआ 'अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला मार्गदर्शक'। सही अर्थों में गुरु वही है जो अपने शिष्यों का मार्गदर्शन करे और जो उचित हो उस ओर शिष्य को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करे। गुरु उसको कहते हैं जो वेद-शास्त्रों का गृणन (उपदेश) करता है अथवा स्तुत होता है।
संज्ञा
पु.
अनुवाद
- अंग्रेज़ी : Jupiter en:Jupiter (1), guru (2)
- फ्रांसीसी : Jupiter {{subst:}} fr:Jupiter (1), gourou (2)
- गुजराती : ગુરુ gu:ગુરુ (1)
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
गुरु ^१ वि॰ [सं॰] [संज्ञा गुरुत्व, गुरुता]
१. लंबे चौडे़ आकारवाला । बडा़ ।
२. भारी । वजनी । जो तौल में अधिक हो ।
३. कठिनता से पकने या पचनेवाला (खाद्य पदार्थ) ।
४. चौडा़ (डिं॰) ।
५. पूजनीय (को) ।
६. महत्वशील (को॰) ।
७. कठिन (को॰) ।
८. दीर्घमाञावाला (वर्ण) (को॰) ।
९. प्रिय (को॰) ।
१०. तीव्रतापूर्ण (को॰) ।
११. संमान्य (को॰) । सर्वो त्तम । सुंदर (को॰) ।
१२. दर्पपूर्ण (बात) ।
१३. अदमनीय (को॰) ।
१४. शक्तिशाली । बलवान् (को॰) ।
१५. मूल्यवान् (को॰) ।
गुरु ^२ संज्ञा पु॰ [सं॰] [स्त्री॰ गुरुआनी]
१. देवताओं के आचार्य बृहस्पति ।
२. बृहस्पति नामक ग्रह । यौ॰—गुरुवार ।
३. पुष्य नक्षत्र । जिसके अधिष्ठाता बृहस्पति हैं ।
४. अपने अपने गृह्य के अनुसार यज्ञोपवीत आदि संस्कार करानेवाला, जो गायत्री मंत्र का उपदेष्टा होता है । आचार्य ।
५. किसी मंत्र का उपदेष्टा ।
६. किसी विद्या या कला का शिक्षक । सिखाने , पढा़ने या बतलानेवाला । उस्ताद । यौ॰—गुरुकुल; गुरुगृह = गुरुकुल ।
७. दो मात्राओंवाला अक्षर । दीर्घ अक्षर जिसकी दो मात्राएँ या कलाएँ गिनी जाती हैं । जैसे—राम में रा ।—(पिंगल ) । विशेष—संयुक्त अक्षर के पहलेवाला अक्षर (लघु होने पर भी) गुरु माना जाता है । पिंगल में गुरु वर्ण का संकेत है । अनुस्वार और विसर्गयुक्त अक्षर भी गुरु ही माने जाते हैं ।
८. वह ताल जिसमें एक दीर्घ या दो साधारण मात्राएँ हों । विशेष—पिंगल के गुरु की भाँति ताल के गुरु का चिह्न भी ही है । —(संगीत ) ।
९. वह व्यक्ति जो विद्या, बुद्धि बल, वय या पद में सबसे बडा़ हो । यौं॰—गुरुजन । गुरुवर्य ।
१०. ब्रह्मा ।
११. विष्णु ।
१२. शिव ।
१३. कौँछ ।
१४. पिता (को॰) ।
१५. द्रोणाचार्य (को॰) ।
गुरु संज्ञा पुं॰ [सं॰ गुरु] गूरु । अध्यापक । आचार्य । यौ॰—गुरुघंटाल = (१) बड़ा भारी चालाक । अत्यंत चतुर । (२) धूर्त । चालबाज ।
यह भी देखिए
- गुरु (विकिपीडिया)