गुर्राना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

गुर्राना क्रि॰ अ॰ [अनु॰] क्रोधवश गले से भारी आवज निका— लना । डराने के लिये घुर-घुर की तरह गंभीर शब्द करना । (जैसा, कुत्ते बिल्ली आदि करते हैं ।) जैसे, कुत्ता गुर्राकर चढा़ बैठा ।

२. क्रोध या अभिमान के कारण भारी और कर्कश स्वर से बोलना । जैसे,—तुम काम भी बिगाड़ते हो और कहने से गुर्राते हो ।