गुल्ली
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]गुल्ली संज्ञा स्त्री॰ [स॰ गुलिका = गुठली]
१. किसी फल की गुठली । किसी फल का बड़ा और लंबोतरा वीज ।
२. महुए की गुठली । गुलैंदे का बीज । गुल्लू । कोयँदा ।
३. किसी वस्तु का कोई लंबोतरा छोटा टुकड़ा जिसका पेटा गोल हो । जैसे,—काठ की गुल्ली, सोने की गुल्ली, रुपयों की गुल्ली इत्यादि ।— उ॰—हल के पीछे जो लोहे की तीखी गुल्ली रहती है उससे धरती खुदती है ।—शिवप्रसाद (शब्द॰) । मुहा॰—गुल्ली बँधना = वीर्य का पुष्ट होना । युवावस्था आना ।
४. काठ का चार छह अंगुल लंबा टुकड़ा । जिसके दोनों छोर जौ की तरह नुकीले होते हैं तथा पेटा मोटा और गोल होता है । इसे डंडे से मार मारकर लड़के एक प्रकार का खेल खेलते हैं । अंटी अँटई । जैसे,—यह लड़का दिन भर गुल्ली डंडा खेलता हैं ।
५. छत्ते में वह जगह जहाँ मधु होता है ।
६. केवड़े का फूल ।
७. मकई की बाल जिसके दाने निकाल लिए गए हों । खुखड़ी ।
८. एक प्रकार की मैना । गंगा मैना ।
९. ईख की गड़ेरी । गाँड़ा ।
१०. छोटा गोल पासा । कोई पासा । यौ॰-गुल्लीवाला = पासा बनानेवाला ।
११. सिकलीगरों का एक औजार जिससे वे तलवार या किसी हथियार का मोरचा खुरचते हैं ।
१२. जिल्दसाजों का एक औजार जिससे रगड़कर वे जिल्द की सीवन बराबर करतें हैं ।
१३. पगड़ी बुननेवालों का एक औजार जिसे बुनते समय पाग के दोनों ओर इसलिये लगाते हैं जिसमें पाग तनी रहे । विशेष—कई और पेशेवालों के गुल्ली के आकार औजार भी इसी नाम से प्रसिद्ध हैं ।