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गेंदा

विक्षनरी से
गेंदा का फूल

प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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गेंदा संज्ञा पुं॰ [हिं॰ ]

१. दो ढाई हाथ ऊँचा एक पौधा जिसमें पीले रंग के फूल लगते हैं । विशेष— इसमें लंबी पतली पत्तियाँ सींके के दोनों ओर पंक्तियों में लगती हैं । यह दो प्रकार का देखने में आता है, एक जंगली या टिर्री जिसके फूल चार ही पाँच दल के होते हैं और बीच का केसरगुच्छ दिखाई पड़ता है और दूसरा हजारा जिसमें बहुत दल होते हैं । फूलों के रंगों में भी भिन्नता होती है, कोई हलके पीले रंग के होते हैं, कोई नारंगी रंग के होते हैं । एक लाल रंग का गेंदा भी होता है जिसकी डंठलें कालापन लिए लाल होती हैं और फूल भी उसी मखमली रंग के लगते हैं । गेंदे की सुखाई हुई पंखड़ियों को फिटकिरी के साथ पानी में उबालने से गंधकी रंग बनता है ।

२. एक प्रकार की आतिशबाजी जिसमें गेंदे के फूल की आकृति के गुल निकलते हैं ।

३. सोने या चाँदी का सुपारी के आकार का एक घुँघरूदार गहना जो जोशन या बाजू में घुंडी के स्थान पर होता है और नीचे लटकता रहता है ।