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गेरुआ

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

गेरुआ ^१ वि॰ [हिं॰ गेरू + आ (प्रत्य॰)]

१. गेरू के रंग का । मटमैलापन लिए लाल रंग का ।

२. गेरू में रँगा हुआ । गैरिक । जोगिया । भगवा । उ॰—चला कटक जोगिन्ह कर कै गेरुआ सब भेसु । कोस बीस चारिहु दिसि जानौ फूला टेसु ।— जायसी (शब्द॰) ।

गेरुआ ^२ संज्ञा पुं॰

१. गेरू के रंग का एक कीड़ा जो माघ के महीने में अधिक वर्षा से उत्पन्न होता है और अन्न के खेतों में लग जाता है जिससे अनाज के पेड़ पीले पड़ जाते हैं ।

२. गेहूँ के पौधों का एक रोग जिसके कारण वे कमजोर पड़ जाते हैं और अन्न नहीं पैदा कर सकते । इसे गेरुई और कुकुही भी कहते हैं ।