गोचर
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]गोचर ^१ वि॰ [सं॰]
१. जिसका ज्ञान इंद्रियों द्बारा हो सके ।
२. गायों द्बारा चरा हुआ (को॰) ।
३. रहनेवाला । बिचरनेवाला (को॰) ।
४. पृथ्वी पर रहने या चलनेवाला (को॰) ।
५. गम्य । बोध्य (को॰) ।
गोचर ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. वह विषय जिसका ज्ञान इंद्रियों द्बारा हो सके । वह बात जो इंद्रियों की सहायाता से जानी जा सके । जैसे—रूप, रस, गंध, आदि ।
२. गौओं के चरने का स्थान । चरागाह । चरी ।
३. देश । प्रांत ।
४. ज्योतिष में किसी मनृष्य के प्रसिद्ध नाम की राशि अनुसार गणित करके निकाले हुए ग्रह जो जन्मराशि के ग्रहों से कुछ भिन्न होते और स्थूल माने जाते हैं । ५ वासास्थान । निवासभूमि [को॰] ।
६. ज्ञानैद्रियों के संचार का क्षेत्र या विषय जैसे श्रवणगोचर, नयनगोचर ।
७. क्षितिज (को॰) ।