गोटी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

गोटी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ गुटिका]

१. कंकड़, गेरू, पत्थर इत्यादि का छोटा गोल टुकड़ा जिससे लड़के अनेक प्रकार के खेल खेलते हैं ।

२. हाथीदाँत, हड्डी, लकड़ी इत्यादि का बना हुआ चौपड़ खेलने का मोहरा । नरद । विशेष—ये गैलियाँ गिनती में कुल १६ होती हैं जिनमें से ४ लाल, ४ हरे, ४ पीले और ४ काले रंग की रहती हैं । मुहा॰—गोटी जमना या बैठना = खेल के आरंभ में पौ आदि दाँव पड़ने पर नई गोटी का चलने योग्य बनना ।स गोटी मरना =खेल के मध्य में पीछे से दूसरे खिलाड़ी की किसी नई गोटी के उस स्थान पर आ जाने के कारण पहलेवाली गोटी का अपने स्थान से हटाकर खेल से अलग कर दिया जाना । गोटी बैठना =एक ही घर में एक खिलाड़ी की दो गोटियों का एक साथ रखा जाना । इस दिशा में पीछे से आनेवालसी गोटियों का एक साथ रखा जाना । इस दिशा मं पीछे से आनेवाली गोटियों का मार्ग रुक जाता है और वह उस समय तक आगे नहीं बढ़ सकती जबतक कि दोनों गोटियाँ अलग अलग घरों में न चल जायँ । इस प्रकार बैठी हुई गोठियाँ मारी भी नहीं जा सकतीं । गोटी मारना =खेल में किसी गोटी का चलने योग्य न रहना । किसी गोटी के खाने में विपक्षी की गोटी का आ जाना जिससे पहली गोटी खाने से हटा दी जाती है । गोटी मारना =चाल द्वारा किसी खाने से कोई गोटी हटाकर अपनी गोटी बैठाना । विपक्षी की गोटी को बेकाम करना । गोटी लाल होना =लाभ होना । प्राप्ति होना ।

३. एक खेल जो ९, १५, १८ या इनसे अधिक गोटियों से भूमि पर एक दूसरी को काटती हुई आड़ी और सीधी रेखाएँ बनाकर खेला जाता है । यौ॰—गोटिया चाल =दाँव पेंच की चाल । कुटिल नीति ।

४. उपाय । युक्ति । तदबीर । लाभ का आयोजन । प्राप्ति का डौल । आमदनी की सूरत । जैसे,—वहाँ (२००) की गोटी हैं, वे क्यों न जाएँगे । मुहा॰—गोटी जमन या बैठना =युक्ति चलना । उपाय या युक्ति सफल होना । प्राप्ति का डौल होना । आमदनी की सूरत होना । गोटी बैठाना या जमाना =युक्ति लगाना । तदबीर लड़ाना । जैसे,—उन्होंने अपनी गोटी बँठा ली है, अब वहाँ किसी की दाल न गले गी ।