गोत्र

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

गोत्र संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. संतति । संतान ।

२. नाम ।

३. क्षेत्र । वर्त्म ।

४. राजा का छत्र ।

५. समूह । जत्था । गरोह ।

६. वृद्धि । बढ़ती ।

७. संपत्ति । धन । दौलत ।

८. पहाड़ ।

९. बंधु । भाई ।

१०. एक प्रकार का जातिविभाग ।

११. वंश । कुल । कानदान ।

१२. कुल या वंश की संज्ञा जो उसके किसी मूल पुरुष के अनुसार होती है । विशेष—ब्राह्मण, क्षत्रिय, और वैश्य द्विजातियों में उनके भिन्न भिन्न गोत्रों की संज्ञा उनके मूल पुरुष या गुरु ऋषयों के नामों के अनुसार है ।