गोप
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]गोप ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. गौ की रक्षा करनेवाला ।
२. ग्वाला । अभीर । अहीर ।
३. गोशाला या गोष्ठ का अध्यक्ष या प्रबंध करनेवाला ।
४. भूपति । राजा ।
५. रक्षा या उपकार करनेवाला ।
६. एक गंधर्व का नाम ।
७. मुर या बोल नाम की ओषधि ।
८. गाँव का मुखिया या पटवारी जो गाँव के हिस्सों और लोगों के स्वत्व आदि का लेखा रखता था ।
गोप ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ गुम्फ] सिकरी या जंजीर के आकार का गले में पहनने का एक प्रकार का आभूषण, जो पतले तारों को गथकर फुलावदार बनाया जाता है ।
गोप † ^३पु वि॰ [सं॰ गुप्त] छिपा हुआ । गुप्त । उ॰—(क) छा छाया जस बुंद अलोपू । ओठईं सो आनि रपा करि गोपू ।— जायसी (शब्द॰) ।