गोमायु
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
गोमायु संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. सियार । गीदड । श्रृगाल । उ॰—(क) चल्यो भाजि गोमायु जंतु ज्यों लै केहरि कौ भाग । इतने रामचंद्र तहँ आए परम पुरुष बड़ भाग ।—सूर (शब्द॰) ।
२. एक गंधर्व का नाम ।
३. एक प्रकार का मेंढक (को॰) ।
४. गाय की खाल (को॰) ।