गोली
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]गोली ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ गोला का स्त्री॰ और अल्पा॰]
१. किसी चीज का छोटा गोलाकार पिंड । वटिया । जैसे,— सू त की गोली, अफीम की गोली, खेलने की गोली ।
२. औषध की वटिका । बटी । क्रि॰ प्र॰—खाना ।—खिलाना ।—देना ।
३. मिट्टी, काँच आदि का बना हुआ वह छोटा गोला पिंड जिसे बालक खेलते हैं । क्रि॰ प्र॰—खेलना ।—मारना ।—लगाना ।
४. गोली का खेल ।
५. पशुओं का एक रोग ।
६. पीले या बादामी रंग की गाय ।
७. मदक की गोली जो अफीम से तैयार की जाती है और जिसे तंबाकू की तरह पीते हैं ।
८. सीसे आदि का ढला हुआ वह गोल पिंड जो बंदूक में भरकर घायल करने या मारने के लिये चलाया जाता है । क्रि॰ प्र॰—चलना ।—चलाना ।—छोड़ना ।—मारना ।— लगाना । मुहा॰—गोली खाना = बंदूक की गोली का आघात सहना । गोली बचाना = किसी संकट या आपति से धूर्ततापूर्वक अपना बचाव करना । विपत्ति के स्थान से या अवसर पर टल जाना । गोली मारते हैं = उपेक्षापूर्वक छेड़ देते हैं । तुच्छ समझकर ध्यान छोड़ देते हैं । मिलने न मिलने या होने न होने की परवा नहीं करते हैं । जैसे—ऐसी नौकरी को हम गोली मारते हैं । गोली मारो = उपेक्षापूर्वक छोड़ दो । तुच्छ समझकर ध्यान छोड़ दो । मिलने न मिलने या होने न होने की परवा न करो । जाने दो । दूर हटाओ । जैसे,—अजी गोली मारो, ऐसे रोजगार में क्या रखा है ।
९. मिट्टी की गोल ठिलिया । छोटा घड़ा ।
गोली पु ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ गोला] दासी । सेविका । उ॰— छोट सी भैस सोहनै सींगनि, टहलि करनि को गोली जू ।— नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ ३३७ ।