ग्राम्य

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ग्राम्य ^१ वि॰ [सं॰]

१. गाँव से संबंध रखनेवाला । ग्रामीण ।

२. बेवकूफ ।

३. मूढ़ ।

३. प्राकृत । असली ।

ग्राम्य ^२ संज्ञा पुं॰

१. एक प्रकार का रतिबध ।

२. काव्य का एक दोष । वह काव्य जिसमें गँवारू शब्दों की अधिकता हो अथवा जिसमें गँवारू विषयों का वर्णन हो, इस दोष से दूषित समझ ा जाता है ।

३. अश्लील शब्द या वाक्य ।

४. मैथुन । स्त्री- प्रसंग ।

५. मिथुन राशि ।

६. गधा, घोड़ा, खच्चर, बैल आदि पशु जो पाले जाते और गाँवों में रहते हैं ।