ग्वार

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ग्वार संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ गोराणी] एक वार्षिक पौधा जिसकी फलियों की तरकारी और बीजों की दाल होती है । कौरी । खुरथी । विशेष—इसकी कई जातियाँ होती हैं । इसकी पत्तियों की खाद बहुत अच्छी होती है और उन्हें चौपाए बहुत चाव से खाते हैं । कहीं कहीं इसे अदरक के पौधों पर छाया करने के लिये भी लगाते हैं । यह वर्षा के आरंभ में बोई जाती है और जाड़े के मध्य में तैयार हो जाती है । इसमें पीले रंग के एक प्रकार के लंबे फूल भी लगते है । वैद्यक में इसके फली को बादी, मधुर, भारी, दस्तावर, पित्तनाशक, दीपक और कफकारक माना है और पत्तों को रत्तौधी दूर करनेवाला और पित्त नाशक कहा है ।