घनरस
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]घनरस संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. जल । पानी ।
२. कपूर ।
३. हाथी का एक रोग जिसमें उसका खून बिगड़ जाता है, पैर के नाखून गलने लगते हैं और पाँव लँगड़ाने लगता है । इस रोग को हथियों का कोढ़ समझना चाहिए ।
४. घना या गाढ़ा सत (को॰) ।
५. मोरट नाम का पौधा जिसका रस गाढ़ा होता है (को॰) ।
६. पीलुपर्णी ।