घनहर पु ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ घन + घर, प्रा॰ घराहर, घणयर] मेघ । बादल । उ॰—घनहर गरजें बजें नगारा । —कबीर श॰, पृ॰ ५७ ।
घनहर † ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ घान + हारा (प्रत्य॰)] घानवाला । एक घान अन्न भुनानेवाला । दाना भुनाने के लिये भड़भूँजे के पास जानेवाला ।