घमंड
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]घमंड संज्ञा पुं॰ [सं॰ गर्व?]
१. अभिमान । गरूर । शेखी । अहं— कार । गर्व । क्रि॰ प्र॰—करना ।—रखना ।—होना । मुहा॰ —घमंड पर आना या होना = अभिमान करना । इतराना । घमंड निकलना = घमंड दूर होना । गर्व चूर्ण होना । घमंड टूटना = मान ध्वस्त होना । ग्रव चूर्ण होना ।
२. बल । वीरता । जोर । भरोसा । सहारा । आसरा । जैसे,— तुम किसके घमंड पर इतना कूदते हो ? उ॰—जासु घमंड बदति नहिं काहुहि कहा दूरावति मोसों ।—सूर (शब्द॰) ।