घरबार संज्ञा पुं॰ [हिं॰ घर + बार - सं॰ द्वार] [वि॰ घरबारी] १. रहने का स्थान । ठौर ठिकाना । २. घर का जंजाल । गृहस्थी । जैसे,—वह घरबार छोड़कर साधु हो गया । ३. निज की सारी संपत्ति । जैसे,—घरबार बेचकर हमारा रुपया दो ।