घरी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

घरी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ घड़ी] समय । काल । घड़ी । उ॰— (क) मानहु मीचु घरी गनि लेई ।—मानस, २ । ४० । (ख) धन्य है वह घरी जिसमें इस आनंद की लूट हुई ।— श्यामा॰, पृ॰ १०६ ।

घरी ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ घर (= कोठा, खाना) ] तह । परत । लपेट । उ॰—राखौं घरी बनाय, ह्वैं आवों नृपद्धार लौं । तब लीजो पट आय, जो चाहो दीजियो ।—(शब्द॰) ।

घरी ^३पु † संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰] दे॰ 'घड़िया' । उ॰—लागी घरी रहट कै सीचहिं अमृत बेल ।—जायसी ग्रं॰, पृ॰ १३ ।