घाल
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]पहनाना;
रखना या लगाना
शब्दसागर
[सम्पादन]1. बिकना
[सम्पादन]2. उठना,
3. निकलना,
4.बिकाना
घाल ^१ † संज्ञा पुं॰ [हिं॰ घालना] सौदे की उतनी वस्तु जितनी गाहक का तौल या गिनती के ऊपर दी जाय । घलुआ । मुहा॰—घाल न गिनना—पसँगे बराबर भी न समझना । तुच्छ समझना । हेय समझना । उ॰—(क) रघुबीर बल गर्वित विभीषण घाल नहिं ता कहँ गनै ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) चढ़हिं कुँवर मन करैं उछाहू । आगे घाल गनै नहिं काहू ।—जायसी (शब्द॰) ।
घाल † ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ घाल, या प्रा॰ √घल्ल (= फेंजना)] आघात । प्रहार ।